सुरेश जी,
यह हमारी ही कमजोरी है ,क्योकिं हम संघठित नहीं हैं.जिस दिन हम संघठित हो जायेंगे कोई सी भी पार्टी हो ,कोई सी भी सरकार हो उसे हमारे हित में ही निर्णय लेना पड़ेगा, इश्वर हमें संघठित होने की सदबुद्धी दे.हम हमरे तुच्छ निहित स्वार्थों से बाहर निकले.